दमा सांस की बीमारी दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है। दमा बीमारी से हर उम्र में पाई जाती है। परन्तु खास कर जैसे जैसे आयु बढ़ती है। दमा की समस्या भी सम्भावनायें ज्यादा रहती है। दमा रोगियों के खास सटीक इलाज है, जोकि आप शेयर करें और लोगों से दमा से घरेलू तरीके से छुटकारा दिलाने में मद्दगार है।
दमा होने के कारण
अकसर दमा बीमारी होने के कई कारण हैं, जोकि आपको विस्तार से बता रहे हैं।
1. प्रदूषित वातवरण
2. कैमिक्ल दुर्गंधों
3. मिट्टी धूल सांस में जाना
4. सर्दी, जुकाम, फ्लू ज्यादा दिनों तक रहना
Make your Career Fast
5. धूम्रपान का अत्याधिक सेवन
6. दवाईयों से
7. फैक्टरियों कारखानों के धुऐं से
8. खाने में नमक का ज्यादा सेवन से
9. भय, तनाव में रहने से
10. आनुवाशिकता के वजह से इत्यादि।
दमा के लक्षण
1. सांस लेने में परेशानी
2. धाती सीने ऐठना, जड़न होना
3. सांस लेते समय घबराहट महसूस करना
4. हद दम बेचैनी महसूस करना
5. सिर भरीपन महसूस करना
6. उल्टी की शिकायत होना
7. जल्दी थक जाना
8. ज्यादा देर तक न चल पाना
loading...
9. सांस फूलना
10. सीने में दर्द इत्यादि मुख्य कारण हैं।
दमा का घरेलू उपचार
1. चार चम्मच मेथी के दानों को 1 लीटर पानी में धीमी आंच पर एक घण्टा उबालें। मेथी के उबले पानी को छान लें। एक गिला मेथी पानी में एक चम्मच शहद और एक चम्मच अदरक पाडउर सौंठ मिलाकर तीनों वक्त सेवन करें। यह दमा को नियत्रंण करने का सटीक इलाज है।
2. सरसों के तेल में एक कपूर डालकर गर्म करें। और हल्का ठंड़ा होने पर धाती बदन पर मालिश करने से दमा में आराम मिलता है।
3. धूम्रपान, गुटका, शराब, तम्बाकू के सेवन से दूर रहें।
4. एक गिलास पानी में एक चम्मच शहद और एक चम्मच आंवला पाउडर मिलाकर रोज सेवन करने से दमा काफी हद तक नियत्रंण में रहता है।
5. चाय में अदरक इलाइची डालकर सेवन करें। दमा में आराम मिलता है। साधारण चाय न पीयें
6. दमा में तेज खांसी होने पर शुद्व शहद को सूघें और शहद चाटें। खांसी रोकने में सक्षम है।
7. अर्जुन के पेड़ को सुखा कर घर पर चूर्ण रखें। रोज एक गिलास दूध में एक चम्मच अर्जुन की छाल का पाउडर मिलाकर पीने से सांस लेने में तकलीफ नहीं होती।
8. दूध में लहसुन की 5-6 कलियां डालकर उबालें। हल्का ठंड़ा होने पर सेवन करें। सीधे दूध का सेवन न करें।
9. गाय के दूध में हल्दी शहद मिलाकर सेवन करने से दमा में आराम मिलता है। दूध दिन में एक वक्त ही पीयें। सादा दूध न पीयें।
10. रोज हल्का पुल्का व्यायाम योगा, चले फिरे जरूर, ज्यादा कठिक शरीरिक कार्य और कठिन व्यायाम योगा ना करें।
11. बाजार में उलब्ध आर्युवेदिक दवाईयों ही लें। कैमिक्लयुक्त दवाईयों से परहेज करें। शुद्व आर्युवेदिक ऐलोवेरा, तुलसी, बकथार्न फ्रूट जूस, नोनी जूस, दमा क्योर इत्यादि लें।
12. सर्दियों में ठंड़ से बच के रहें। दमा ठंड़ में ज्यादा परेशान करता है। सांस लेने में हमेशा नाक से लें। मुंह से सांस लेने से अचानक खांसी, सांस में समस्या हो सकती है।
दमा होने के कारण
अकसर दमा बीमारी होने के कई कारण हैं, जोकि आपको विस्तार से बता रहे हैं।
1. प्रदूषित वातवरण
2. कैमिक्ल दुर्गंधों
3. मिट्टी धूल सांस में जाना
4. सर्दी, जुकाम, फ्लू ज्यादा दिनों तक रहना
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5. धूम्रपान का अत्याधिक सेवन
6. दवाईयों से
7. फैक्टरियों कारखानों के धुऐं से
8. खाने में नमक का ज्यादा सेवन से
9. भय, तनाव में रहने से
10. आनुवाशिकता के वजह से इत्यादि।
दमा के लक्षण
1. सांस लेने में परेशानी
2. धाती सीने ऐठना, जड़न होना
3. सांस लेते समय घबराहट महसूस करना
4. हद दम बेचैनी महसूस करना
5. सिर भरीपन महसूस करना
6. उल्टी की शिकायत होना
7. जल्दी थक जाना
8. ज्यादा देर तक न चल पाना
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9. सांस फूलना
10. सीने में दर्द इत्यादि मुख्य कारण हैं।
दमा का घरेलू उपचार
1. चार चम्मच मेथी के दानों को 1 लीटर पानी में धीमी आंच पर एक घण्टा उबालें। मेथी के उबले पानी को छान लें। एक गिला मेथी पानी में एक चम्मच शहद और एक चम्मच अदरक पाडउर सौंठ मिलाकर तीनों वक्त सेवन करें। यह दमा को नियत्रंण करने का सटीक इलाज है।
2. सरसों के तेल में एक कपूर डालकर गर्म करें। और हल्का ठंड़ा होने पर धाती बदन पर मालिश करने से दमा में आराम मिलता है।
3. धूम्रपान, गुटका, शराब, तम्बाकू के सेवन से दूर रहें।
4. एक गिलास पानी में एक चम्मच शहद और एक चम्मच आंवला पाउडर मिलाकर रोज सेवन करने से दमा काफी हद तक नियत्रंण में रहता है।
5. चाय में अदरक इलाइची डालकर सेवन करें। दमा में आराम मिलता है। साधारण चाय न पीयें
6. दमा में तेज खांसी होने पर शुद्व शहद को सूघें और शहद चाटें। खांसी रोकने में सक्षम है।
7. अर्जुन के पेड़ को सुखा कर घर पर चूर्ण रखें। रोज एक गिलास दूध में एक चम्मच अर्जुन की छाल का पाउडर मिलाकर पीने से सांस लेने में तकलीफ नहीं होती।
8. दूध में लहसुन की 5-6 कलियां डालकर उबालें। हल्का ठंड़ा होने पर सेवन करें। सीधे दूध का सेवन न करें।
9. गाय के दूध में हल्दी शहद मिलाकर सेवन करने से दमा में आराम मिलता है। दूध दिन में एक वक्त ही पीयें। सादा दूध न पीयें।
10. रोज हल्का पुल्का व्यायाम योगा, चले फिरे जरूर, ज्यादा कठिक शरीरिक कार्य और कठिन व्यायाम योगा ना करें।
11. बाजार में उलब्ध आर्युवेदिक दवाईयों ही लें। कैमिक्लयुक्त दवाईयों से परहेज करें। शुद्व आर्युवेदिक ऐलोवेरा, तुलसी, बकथार्न फ्रूट जूस, नोनी जूस, दमा क्योर इत्यादि लें।
12. सर्दियों में ठंड़ से बच के रहें। दमा ठंड़ में ज्यादा परेशान करता है। सांस लेने में हमेशा नाक से लें। मुंह से सांस लेने से अचानक खांसी, सांस में समस्या हो सकती है।
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