एसिडिटी और सीने की जलन


सीने में जलन और एसिडिटी (acidity) (मेडिकल की भाषा में गैस्ट्रो- एसोफैगल रिफ्लक्स डिजीज – जीईआरडी) गलत खाने की आदतें (bad eating habits) और जैडा मसालेदार खाने (spicy food) के शौक़ीन लोगों में एक सामान्य बात है| लगभग हर व्यक्ति जो पेट का खट्टापन, सीने में जलन, दर्द (pain) और बार-बार पेट ख़राब (stomach problem) होने की समस्या से ग्रसित (suffering)  हैं वे जल्दी आराम के लिए एंटासिड पर निर्भर (depends) रहते हैं|



हालाँकि एंटासिड (anti acid) से आपको एक घंटे में ही आराम मिल जाएगा लेकिन इनके साइड-इफेक्ट्स (side effects) भी हैं जो कि आपके पाचन तंत्र (digestion system) को लंबे समय के लिए प्रभावित (effect) करते हैं|
यदि आप अपनी लाइफस्टाइल (lifestyle) में ये 10 बदलाव (changes) लाएं तो आप बार-बार होने वाली एसिडिटी और सीने की जलन की समस्या से निजात (relief from problem) पा सकते हैं|

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स्वास्थ्यप्रद खाना खाएं – 

Eat Healthy Food- यदि आपको बार-बार एसिड की समस्या (problem of acidity) होती है तो कुछ खाद्य पदार्थ (eating products) हैं जिन्हे आपको अपने आहार से हटाना होगा| मसालेदार खाना जैसे समोसे (samosa), बर्गर (burger), चिप्स (chips) और डेज़र्ट्स (desserts) और मिठाइयां जैसे चॉकलेट्स (chocolate), डोनट्स (donuts), केक्स (cakes) आदि एसिडिटी के मुख्य कारण (main reason) हैं| यदि आपको लगातार एसिडिटी रहती है तो आपको खट्टे फल जैसे ऑरेंज (orange), अंगूर (grapes), नींबू (lemon) आदि का सेवन भी नहीं करना चाहिए क्यों कि एसिड (acid) की ज्यादा मात्रा के कारण ये फल (fruits) आपके लिए ज्यादा नुकसानकारी (unhealthy) हो सकते हैं|

अपने खाने के तरीके को बदलें – Change your Eating Style- 

आप क्या खाते हैं (what you eat) इसके साथ ही आप कितना खाते हैं (how much you eat) यह भी महत्वपूर्ण है| आपके खाने की मात्रा मुख्य रूप से आपके पाचन तंत्र को प्रभावित (effects your digestion system) करती है| जिन लोगों के दो बार खाने के बीच ज्यादा अंतराल (more gap) होता है उन्हें ओवरईटिंग की आदत (habit of overeating) होती है| ओवरईटिंग से पाचन तंत्र पर दबाव (stress on digestion system) पड़ता है जिसे ज्यादा एसिड बनता है| इसके बजाय आप थोड़े थोड़े अंतराल से तीन या या चार (eat 3 or 4 times) बार खाना खाएं|
धीरे खाएं – Eat Slowly- डाइजेस्टिव डिजीज वीक 2016 में प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार जो लोग खाना खाने में 30 मिनट लेते हैं उनमें एसिड रिफ्लक्स 8.5 बार होता है बल्कि जो लोग 5 मिनट में ही खाना खाते हैं उनमें यह 12.5 बार होता है| शोधकर्ताओं के अनुसार ओवरईटिंग से पेट में खाने की मात्रा ज्यादा एकत्रित हो जाती है जो कि ज्यादा एसिड पैदा होने का कारण बनता है

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खाना खाते ही ना सोएं – Avoid Sleeping after Having Food-

 अक्सर (mostly) जब आप देर से खाना खाते (eating late) हैं तो आप थके हुए होते हैं और 1 घंटे के भीतर ही आप सो (sleeps within an hour) जाते हैं| इस आदत को बदलना (change your habit) चाहिए| जब आप सोते हैं तो आपके शरीर की सारी क्रियाएँ धीरे (body activities reduces)हो जाती हैं| जिससे एसिडिटी जैसी समस्याएं पैदा (problem of acidity starts) होती हैं| इसलिए सोने से 2-3 घंटे पहले खाना खाएं|

फिट रहें – Stay Fit- मोटापा अपने साथ कई बिमारियों (obesity comes with so many problems) को लेकर आता है, एसिडिटी भी इनमें से एक है| न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ़ मेडिसिन (new England journal of medicines) में प्रकाशित स्टडी (printed study) के अनुसार जो महिलाएं मोटी (fatty womens) हैं उनमें पतली महिलाओं की बजाय एसिडिटी के लक्षण (symptoms of acidity) ज्यादा पाएं जाते हैं |

पानी ज्यादा पीयें – Drink More Water-

 एसिडिटी होने पर पानी एक अच्छी दवा (water is a good medicine) का काम करता है| यह ना केवल एसिडिटी को ठीक करता है बल्कि इसके पाचन (digestion) समेत कई स्वास्थ्यकर फायदे (healthy benefits) हैं| एसिड दूर करने वाली दवाओं के मुकाबले पानी ज्यादा असरकारक (water is more effective) है| एक गिलास पानी (1 glass water) पिया उनमें 1 मिनट में ही गैस्ट्रिक (gastric) पी4 (4 से ज्यादा) बढ़ा जब कि एसिड दूर करने वाली दवाओं (medicines) से इतना ही प्रभाव 2 घंटे में हुआ|

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चाय से परहेज करें – Avoid Tea- 

चाय (tea), कॉफ़ी (coffee), कोला (cold drink) आदि कैफीन वाले पेय पदार्थ (caffeine drinks) एसिडिटी का कारण (reason of acidity) बनते हैं| हालाँकि कॉफ़ी और कैफीन से गैस्टिक पीएच में परिवर्तन (change in gastric PH) होता है इसका कोई प्रमाण नहीं है लेकिन एसिडिटी के पेशेंट्स (acidity patients) को पहली बार में ही कैफीन वाले पेय ज्यादा नहीं लेने की सलाह (suggestion of not drinking caffeine liquid)  दी जाती है क्यों कि कुछ व्यक्तियों में इसका प्रभाव हो सकता है कुछ में नहीं| इसलिए यदि आपको लगता है कि कॉफ़ी से आपको एसिडिटी की शिकायत (problem of acidity from tea or coffee) होती है तो इससे परहेज करें|

एल्कोहल की मात्रा कम लें – Reduce the Quantity of Alcohol-

 कई स्टडीज (few researches) से पता चला है कि एल्कोहल और एसिडिटी (alcohol and acidity) में सीधा सम्बन्ध (straight connection) है| एल्कोहल गैस्टिक म्यूकोज को सीधा प्रभावित (effects straightway) करता है| यह भोजन नलिका (food pipe) में एसिड (acid) आने का कारण भी बनता है|

स्मोकिंग छोड़ें – Quit Smoking-

 एसिडिटी से पीड़ित लोगों के लिए सिगरेट जहर (cigarette is like poison) के समान है| सिगरेट में निकोटिन (nicotine) होता है जो कि पेट की परत को प्रभावित (effects layer of stomach) करता है| यह भी भोजन नलिका में एसिड आने का कारण (reason) बनता है|

सोने का तरीका बदलें – Change your Sleeping Style

रात को सोते समय तकिये (pillow) का इस्तेमाल करने और सिर (head) को ऊँचा रखने से एसिडिटी का प्रभाव कम (reduces the effect of acidity) होता है| एक स्टडी (study) में बताया गया है कि जो लोग सिर ऊँचा करके सोते हैं उनमें एसिड निकलने की सम्भावना (acid clearance- एसिड क्लियरेंस) 67 प्रतिशत होती है| एसिड क्लियरेंस से तात्पर्य पेट के एसिड (acid of stomach) का भोजन नलिका (food pipe) द्वारा निकलने से है|

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