Ayurveda for Healthy Hair | स्वस्थ बालों के लिए आयुर्वेद


युर्वेद,एक विश्व प्रसिद्द समग्र स्वास्थ्य देखभाल की शाखा है और यह भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली के अंतर्गत आता है।

बालों की स्तिथि एक व्यक्ति की शारीरिक स्तिथि का प्रतिबिम्ब है।

आयुर्वेद में आहार -विहार, दो प्रमुख कारक हैं जो हमारे शरीर और बालों के स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। अनियमित आहार की आदतें, ग़लत खाने से, बिमारी, विटामिन या ख़निज की कमी, बालों की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं एवं रूसी, प्रारंभिक गंजापन और समयपूर्व बालों का सफ़ेद होना,जैसी समस्याओं को उत्पन्न करते है।

आयुर्वेद बालों को स्वस्थ (hair problem solution in hindi) रखने के लिए कुछ बुनियादी निर्देश प्रदान करता है। लंबे और रेशमी बालों के लिए इन सरल युक्तियों का प्रयास करें:

नियमित रूप से सिर की मालिश करें | Massage scalp regularly
सिर और उसकी त्वचा को नियमित रूप से साफ़ रखना | Regular cleansing of scalp and hair
नियमित आहार की आदत | Regulate dietary habits
पौष्टिक आहार | Nutritious diet
पर्याप्त नींद | Sleep Sufficiently
तनाव प्रबंधन | Stress management

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नियमित रूप से सिर की मालिश करें
बालों का औषधीय तेल से मालिश सिर की त्वचा को पोषण देता है। सिर और उसकी त्वचा पर गर्म तेल से मालिश, विशेष रूप से केश्य (बालों के अनुकूल) जैसी जड़ी - बूटियों से संचारित तेल की मालिश, उनको पोषित करता है, सिर में सूखेपन को कम एवं परिसंचरण को बढ़ाता है। नारियल का तेल या तिल का तेल, उमालकि (एमब्लिका अल्बा), ब्राह्मी (बाकोपा मोननयरी), भृंगराज (एक्लिप्टा अल्बा) या जपा (हाइबिस्क्स) जैसी जड़ी -बूटियों से युक्त बालों के रंग और चमक को बनाए रखने में मदद करता है।
आयुर्वेदिक हर्बल केश तेल बालों के अनुकूल जड़ी - बूटियों का मिश्रण होता है। सप्ताह में २-३ बार स्नान से १-२ घंटे पहले इससे सिर की मालिश आराम पाने का एक अदभुत उपचार है।

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सिर और उसकी त्वचा को नियमित रूप से साफ़ रखना
सिर और उसकी त्वचा में खुजली एवं मलीन रोम से बचने के लिए उनमें सफाई रखें। हेर्बल शैम्पू से बालों को साफ़ करें। शैम्पू का अत्यधिक उपयोग विशेषकर रूखा शैम्पू सिर की त्वचा और बालों में सूखापन का कारण बन सकता है। बालों को धोने के लिए गुनगुने या ताज़े पानी का उपयोग करें और तत्पश्चात प्राकृतिक कंडिश्नर लगाएं। स्वाभाविक रूप से बालों को सूखनें दें न की हेयर ड्रॉयर से सुखाएं। नियमित तौर पर विभाजित हुए बालों को कटवाएं और प्राकृतिक नुक्सान से बचें। बालों की सामान्य रूप से सफाई और कंघी करना ज़रूरी है। इससे सिर की त्वचा में तेल उत्पादन करने वाली ग्रंथियां उभरती हैं। यह प्राकृतिक उत्पन हुआ तेल बालों को स्वस्थ और चमकीला रखता है।

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नियमित आहार की आदत
भोजन एक हवादार, शांत कमरे में खाया जाना चाहिए और खाने के दौरान अन्य कोई कार्य नहीं करना चाहिए। अच्छे पाचन के लिए भोजन करते हुए अधिक पानी न पीएं। पानी, भोजन करने से आधा घंटा पूर्व करना चाहिए। तेलयुक्त, मसालेदार या मासाहारी भोजन के पश्चात गुनगुना पानी पीयें।
इन नियमों का पालन आप अपने शरीर के अमा (विषाक्तपदार्थ) से मुक्त रख सकते हैं। टॉक्सिन्स पोषक तत्वों को हमारे शरीर में कोशिकाओं और ऊतकों तक पहुचनें से रोकते हैं इसलिए चाय, कॉफ़ी, मदिरा, माँस एवं धूम्रपान के अत्यधिक सेवन की आदतों को रोका जाना चाहिए। तली, मसालेदार खटाई और अम्लीय खाद्य युक्त भोजन हानिकारक होते है। रासायनिक या सिंथेटिक दवाओं से परहेज़ करें। इसलिए हमारे आहार पर ध्यान देना आवश्यक है।

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पौष्टिक आहार
समय से पहले बालों का झड़ना और सफ़ेद होने को रोकने के लिए पोषक तत्वों का और एक संतुलित वर्गीकरण आवश्यक है। बालों के लिए लाभदायक खाद्य पदार्थ की सूची में, सफ़ेद तिल के बीज, ताज़ा नारियल, हरी सब्ज़ियां, अनाज समृद्ध आहार, खजूर, किशमिश, दही, बीन्ज़, बीज और नट के अंकुरित मिश्रण एवं घी और तेल जैसे स्वस्थ वसा शामिल हैं। आयुर्वेद में मसालों और सुगंधित जड़ी - बूटियों के साथ खाना बनाने की सलाह देते है जिससे पाचन में सुधार होता है और शरीर के ऊतकों का डिटॉक्स होता हैं। आयुर्वेद के अनुसार हरिदरव (हल्दी) मारीच (काली मिर्च) मेथी, धनिया और अग्नि (पाचनशक्ति) को बढ़ावा देते हैं। उमालकि, हरीतकी, हींग, भृंगराज जैसी जड़ी-बूटियाँ और मौसमी फल, खासकर सिट्रस फल पाचन शक्ति को सुधारते हैं। सभी आयु वर्ग के लोगों की पाचन शक्ति में सुधार लाते हैं और सभी दोषों के प्रतिरक्ष में सुधार लाते हैं।


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पर्याप्त नींद
आयुर्वेद के अनुसार नींद स्वस्थ शरीर के लिए अत्यंत ज़रूरी है। अनुचित या अनियमित नींद शरीर के लिए हानिकारक होती है। नींद के दौरान हमारे शरीर के ऊतकों का विकास और प्रणालियों का पुनर्गठन होता है।
हमें रात के १० बजे से पहले सोना चाहिए और भोजन सोने से २ घंटे पहले कर लेना चाहिए। कम मसाले वाला, हलके रात्रि भोजन के उपरान्त एक गिलास दूध (भोजन के एक घंटे बाद) अच्छी, गहरी नींद देता है। पर्याप्त नींद की कमी कमज़ोर बालों का कारण बन सकता है।

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तनाव प्रबंधन
लगातार तनाव में जीने से बालों का अधिक गिरना, समय से पहले सफ़ेद होना, सूखे और निरस एवं निर्जीव होना संभाविक है। ब्राह्मी, मंडुकपानी, अश्वगंधा या जटामंसी में से किसी भी जड़ी - बूटी से समृद्ध चाय, तनाव के लिए प्राकृतिक क्षमता में समर्थन देती है। कुछ समय का आराम आवश्यक है, और योग व् ध्यान का अभ्यास तनाव नियंत्रण में मदद करता है। औषधीय हर्बल तेलों के साथ सिर की त्वचा पर मालिश मानसिक विश्राम देने में सहायक है और बदलती मनोदशा के नियंत्रण में भी सहायक है।
तो अब बालों को लेकर निश्चिन्त हो जाएँ।

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