क्या आप बिना जिम जाए पेट की चर्बी को घटाना चाहते हैं

आज पूरी दुनिया मोटापे से परेशान है कि आपके शरीर की फ़ालतू चर्बी कैसे कम हो तो अगर आप बिना जिम जाए पेट की चर्बी को घटाना चाहते हैं तो कृपया आप पोस्ट पूरी पढ़े और बिना डॉक्टर की दवा और खर्च के आप अपने पेट की चर्बी को कम करे बस एक व्यायाम आपको चर्बी घटाने(Fat Loss)के साथ-साथ कई रोगों एवं वजन कम में भी सहायता करता है यदि इस मुफ्त की सलाह की फीस नहीं ली तो ये न समझे फायदा नहीं होगा बस सिर्फ मन की चंचलता को मारे और सिर्फ एक माह में परिवर्तन देखे-




आज का दिन तो आप का गया अब कल से एक नियम बनाए और धनुरासन योग शुरू करें जी हाँ-धनुरासन करने से पेट की चर्बी(Belly Fat)कम होती है-धनु का अर्थ धनुष होता है इस आसन में धनुषाकार आकृति बनाई जाती है इसमें हाथों का उपयोग सिर, धड और टांगों को ऊपर खींचने के लिए प्रत्यंचा की तरह किया जाता है- शरीर को धनुष के समान टेड़ा कर के फ़ैलाने और शरीर को सशक्त बनाने की इस क्रिया से तरुणाई की प्राप्ति होती है- 

धनुरासन योग(Dhanurasana Yoga)से सभी आंतरिक अंगों, माँसपेशियों और जोड़ों का व्यायाम हो जाता है तथा गले के तमाम रोग नष्ट होते हैं एवं आपकी पाचनशक्ति बढ़ती है और श्वास की क्रिया भी व्यवस्थित चलती है-धनुरासन योग आपकी मेरुदंड को लचीला एवं स्वस्थ बनाता है आपके लिए सर्वाइकल स्पोंडोलाइटिस, कमर दर्द एवं उदर रोगों में लाभकारी आसन है तथा स्त्रियों की मासिक धर्म सम्बधी विकृतियाँ भी दूर करता है और मूत्र-विकारों को दूर कर गुर्दों को पुष्ट बनाता है-

धनुरासन योग(Dhanurasana Yoga)की जानकारी-


1- सबसे पहले आप चटाई बिछा कर पेट के बल लेट जाएँ और श्वास को छोड़ते हुए दोनों घुटनों को एक साथ मोड़ें और अपनी एडियों को पीठ की ओर बढ़ाएं और अपनी बाँहों को पीछे की ओर तानें फिर बाएं हाथ से बाएं टखने को एवं दायें हाथ से दायें टखने को पकड़ लें तथा श्वास भरकर यथा सम्भव उसे रोके रखें- 

2- अब सांसों को पूरी तरह निकाल दें और जमीन से घुटनों को उठाते हुए दोनों टाँगें ऊपर की ओर खींचें और उसी समय जमीन पर से सीने को उठायें-बांह और हाथ झुके हुए धनुष के समान शरीर को तानने में प्रत्यंचा के समान कार्य करते हैं-अब अपने सिर को ऊपर की ओर उठायें एवं यथासम्भव पीछे की ओर ले जाएँ-टाँगे ऊपर उठाते समय घुटनों के पास उन्हें सरकने न दें अन्यथा काफी ऊँचाई तक टाँगें उठ नहीं सकेंगी-अब टांगों घुटनों और टखनों को सटा लें-इस दौरान श्वास की गति तेज होगी लेकिन इसकी चिंता न करते हुए यथाशक्ति 15 सेकंड से एक मिनट तक आप रुकें और आगे- पीछे, दायें -बाएं शरीर को हिला डुला सकते हैं- 

3- अब श्वास छोड़ते हुए धीरे धीरे टखनों को भी छोड़ दें और दोनों टांगों को सीधी कर लें किन्तु यह ध्यान रहे क़ि पहले घुटनों को जमीन पर रखें फिर ठुड्डी को जमीन स्पर्श कराएँ और इसके बाद पैरों को छोड़ते हुए उन्हें जमीन तक धीरे धीरे आने दें- अपने कपोल को जमीन पर रखकर विश्राम करें- यह अभ्यास 5 सेकेण्ड से आरम्भ करें और प्रतिदिन समय को तब तक बढ़ाते रहें जब तक बिना किसी दबाव के 15 से 30 सेकेण्ड तक न हो जाये-

इसे प्रातःकाल खाली पेट करें और अधिक से अधिक 3 बार कर सकते हैं-इस आसन के दौरान ध्यान विशुद्धि चक्र पर केन्द्रित होना चाहिए- जो व्यक्ति यक्ष्मा ,आंत उतरने की बीमारी या पेप्टिक अल्सर एवं उच्च रक्त चाप से ग्रस्त हों-वे इसे कदापि न करें-

धनुरासन योग(DhanuraanasYoga)से होने वाले लाभ-


यह आसन मेरुदंड को लचीला एवं स्वस्थ बनाता है सर्वाइकल Spondylosis, कमर दर्द और पेट संबंधी रोगों में भी यह लाभकारी है यह आसन स्‍त्री रोग में भी लाभकारी है- यह आसन प्रसव के बाद पेट पर पड़ने वाली झुर्रियों-Stomach Wrinkles को दूर करता है साथ ही मासिकधर्म, गर्भाशय के रोग तथा डिम्‍बग्रंथियों के रोग खत्‍म हो जाते हैं-यह आसन कमर दर्द और गर्दन दर्द के लिये लाभकारी होता है-

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